लेखनी प्रतियोगिता - परवाह
परवाह
सब कुछ संवर जाता है,
जब हमारी परवाह वो ईश्वर करता है,
हर पल, वो हमारी तकलीफों पर नज़र रखता है,,
जब गिरने लगते हैं, वो हाथ थामने आ जाता है
उस वक्त हमारा विश्वास और भी दृढ़ हो जाता है,
सब कुछ संवर जाता है,
जब हमारी परवाह वो ईश्वर करता है,
कुछ नही छुपा होता है उससे,
दुःख,दर्द, परेशानी, समस्याएं, सब कुछ वो जानता है,
अपने बच्चों की हर जरूरत को,
वो अपने आप पूरी कर देता है,
तभी तो देखो, उसके बनाए इस जगत में,
कोई भूखा ना सोता है,
सब कुछ संवर जाता है,
जो वो ईश्वर परवाह करता है,
कर्मों के खेल होते हैं, ये सारे,
जो दुःख सुख हमें मिलता है,
पर उसमे अपनी आस्था बनाए रखना,
ये किस्मतवालों को ही नसीब होता है,
किसी को जाने नही देता वो खाली हाथ,
सबकी इच्छा पूरी करता है,
सब कुछ संवर जाता है,
जब वो ईश्वर परवाह करता है।
प्रियंका वर्मा
27/6/22
Pallavi
29-Jun-2022 07:06 PM
Nice post 👍
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Punam verma
28-Jun-2022 08:40 AM
Nice
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Abhinav ji
28-Jun-2022 07:54 AM
Nice👍
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